शुभम सौरभ
गिरिडीह। देशभर में भगवान चित्रगुप्त का पूजन पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। चित्रांश समाज के लोगों ने भगवान चित्रगुप्त की पूजा पूरे वैदिक मंत्रों के साथ सम्पन्न किया। इस दिन चित्रांश परिवार के लोग कलम से कुछ भी नहीं लिखते हैं और न ही कलम को छूते हैं। चित्रांश समाज के लोगों ने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच कलम, दवात, कॉपी व पुस्तक की पूजा की गई। भगवान चित्रगुप्त की पूजा रविवार को प्रखंड भर में धूमधाम से की गई। चित्रांश समाज के लोगों ने जगह-जगह भगवान की प्रतिमा स्थापित कर कलम- दवात के देवता की पूजा- अर्चना पूरे भक्तिभाव से की। जमुआ प्रखंड अंतर्गत पोबी, धुरैता, बेलकुंडी, चित्तरडीह, लताकी, जगन्नाथडीह, खरियोडीह, करिहारी, जमुआ आदि गांवों में भगवान चित्रगुप्त की पूजा-अर्चना की गई। इस दौरान कायस्थों ने भगवान चित्रगुप्त के समक्ष साल भर के आय-व्यय का लेखाजोखा प्रस्तुत किया। जगन्नाथडीह, बेलकुंडी, लताकी, धुरैता, चितरडीह में प्रतिमा स्थापित कर पूजा-अर्चना की गई। पूजा के बाद सामूहिक भोजन का आयोजन किया गया।
जगन्नाथडीह में धूमधाम से की गई पूजा
जगन्नाथडीह में पूजा को सफल बनाने में शंकर दाराद, विनय अम्बष्ट, राकेश दाराद, पंचानंद प्रसाद, कुणाल सिन्हा, सुमित रंजन दाराद, विकास सिन्हा, प्रिंस दाराद, प्रशांत दाराद, विकास दाराद, बिपिन सिन्हा, मुन्नू दाराद, निशांत सिन्हा, स्वराज दाराद, रोहित दाराद, परिणय सिन्हा, नरेश सिन्हा, शुभम दाराद, राकेश, संटु आदि पूरे चित्रांश परिवार मौजूद थे।
बेलकुंडी में धूमधाम से की गई पूजा
बेलकुंडी में पूजा को सफल बनाने में आशीष सिन्हा, बमशंकर सहाय, धरणीधर प्रसाद, सुनील कुमार सिन्हा, अमित कुमार सिन्हा, अर्जुन प्रसाद, राकेश सिन्हा, बीपेंद्र सिन्हा, नीरज सिन्हा, अमरजीत सिन्हा, अमन सिन्हा, शुभम सिन्हा, शिवम सिन्हा, सोनू सिन्हा आदि का योगदान रहा।
लताकी में धूमधाम से की गई पूजा
लताकी में पूजा को सफल बनाने में अनुपम शरण सिन्हा, ऋषिकांत सिन्हा, समीर सिन्हा, चुन्नूकांत सिन्हा, पीयूष सिन्हा, रवि सिन्हा, डुगन सिन्हा, महेंद्र प्रसाद, ओम शरण सिन्हा आदि का योगदान रहा।
धुरैता में धूमधाम से की गई पूजा
धुरैता में पूजा को सफल बनाने में कंचन सिन्हा, अंजन सिन्हा, चंदन सिन्हा, गौरव सिन्हा, कुंदन सिन्हा, ऋषभ सिन्हा, नितिन सिन्हा, मोंटी सिन्हा, शुभम सिन्हा, अनिकेत सिन्हा, प्रताप सिन्हा, पवन सिन्हा, अनिल सिन्हा, रानू सिन्हा, आलोक सिन्हा, अमल सिन्हा, सौरभ सिन्हा, राजन सिन्हा, मोहित सिन्हा, सुमित सिन्हा, रोहित सिन्हा, सनी सिन्हा, अनुराग सिन्हा, शिवा सिन्हा, राहुल सिन्हा आदि का योगदान रहा।
चितरडीह में धूमधाम से की गई पूजा
चितरडीह में पूजा को सफल बनाने में हर्ष सिन्हा, राहुल सिन्हा, अनूप सिन्हा, संजीत सिन्हा, अखिलेश्वर प्रसाद, ऋतिक सिन्हा, पिंकेश सिन्हा, राजेश सिन्हा, रमेश सिन्हा, बालगोविंद प्रसाद, प्रमोद सिन्हा, सुबोध सिन्हा, शिवम सिन्हा, सत्यम सिन्हा, परमवीर सिन्हा, राज, सचिन, नितिन, सक्षम आदि का योगदान रहा।
ब्रह्माजी के काया से एक तेजस्वी बालक का जन्म हुआ, जिनका नाम ब्रह्माजी ने कायस्थ रखा
पौराणिक आख्यानों के अनुसार सृष्टि की रचना के बाद ब्रह्माजी चिंतातुर हो गए। चिंता का कारण था- सकल सृष्टि की देखरेख एवं लेखा-जोखा रखना। कोई उपाय न सूझने पर ब्रह्माजी 12 हजार वर्ष की अखंड समाधि में लीन हो गए। इसके बाद उनकी काया से एक तेजस्वी बालक का जन्म हुआ, जिनका नाम ब्रह्माजी ने कायस्थ रखा और कहा कि समस्त जीवों के कर्मों का लेखा-जोखा रखना ही तुम्हारा दायित्व है। जिनकी प्रथम पत्नी से चार एवं द्वितीय से आठ पुत्र उत्पन्न हुए। इन पुत्रों का नामकरण इनके शासित प्रदेश के आधार पर क्रमश: श्रीवास्तव, निगम, कर्ण, कुलश्रेष्ठ, माथुर, सक्सेना, गौड़, अस्थाना एवं वाल्मिकी आदि किया गया। आज भी कायस्थ वंश की उपजातियां इन्हीं नामों से अपनी पहचान कायम रखे हैं।